औसत आयु-स्वस्थ्य आयु में भिन्नता

20 July 2021 0 Comment

वर्ल्ड हेल्थ स्टैटिस्टिक्स रिपोर्ट 2021 ने महिलाओं और पुरुषों की औसत आयु और उनके स्वास्थ्य से जुड़े कुछ पहलुओं पर नए सिरे से विचार की आवश्यकता जताई। रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में महिलाओं की औसत आयु पुरुषों के मुकाबले करीब 3 वर्ष अधिक है। वे अपेक्षाकृत ज्यादा लंबा जीवन जीती हैं। लेकिन औसत स्वस्थ आयु के मामले में महिलाओं और पुरुषों के बीच का यह अंतर काफी कम हो जाता है। स्वस्थ औसत आयु के लिहाज से महिलाएं और पुरुष करीब-करीब एक जैसी ही स्थिति में हैं। यानी जीवन के आखिरी हिस्से में पुरुषों के मुकाबले स्त्रियों का स्वास्थ्य ज्यादा कमजोर होता है। अपने देश में भी औसत आयु के मामले में पुरुषों से तीन साल आगे दिखती महिलाएं स्वस्थ औसत आयु में पुरुषों के समकक्ष नजर आने लगती हैं। रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक औसत आयु 73.3 वर्ष है, स्वस्थ औसत आयु 63.7 वर्ष है, यानी दोनों के बीच करीब नौ साल का अंतर है। इससे हम यह कह सकते हैं कि लोगों के जीवन के आखिरी दस साल बीमारियों के बीच गुजरते हैं। रिपोर्ट के अनुसार औसत आयु तो बढ़ रही है, लेकिन स्वस्थ औसत आयु में बढ़ोतरी उसी अनुपात में नहीं दिख रही। मेरा मानना है कि औसत आयु और स्वस्थ औसत आयु में अंतर सरकार की नीतियों और योजनाओं को दिशा देने केलए एक मानक है। हमें मेडिकल रिसर्च के लिए होने वाली फंडिंग में केवल मौत के कारणों को समझने और दूर करने पर ही फोकस नहीं करना होगा बल्कि पॉजिटिव औसत आयु में बढ़ोतरी के रूप में यानि स्वस्थ्य औसत आयु की बढोत्तरी के रूप में परिणाम प्राप्त हो ऐसी योजना को पूरा करने के की नीतियां तैयार करनी होंगी। सरकार को अब बुजुर्ग आबादी को होने वाली बीमारियों पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है ताकि उन्हें गंभीर बीमारियों से बचाने के उपाय समय रहते किए जा सकें। तभी हम अपने बुजुर्गों के लिए लंबा और साथ ही अच्छी सेहत से युक्त जीवन सुनिश्चित कर पाएंगे एवं स्वस्थ्य राष्ट्र का नर्माण हो सकेगा। अन्यथा बुजुर्ग आबादी बढती जाएगी और देश के अधिकतर संसाधन बुजुर्ग आबादी को स्वस्थ्य रखने में ही खर्च हो जाएंगे। इसलिए हमारा फोकस स्वास्थ्य नीति में बुजुर्गों को स्व्स्थ्य रखने पर फोकस होना चाहिए।

Share: